ऑफिस में समान वेतन के अधिकार की संपूर्ण जानकारी | Office Me Saman Vetan Ke Adhikar Ki Sampuran Jankari In Hindi

ऑफिस में समान वेतन के अधिकार की संपूर्ण जानकारी

क्या दोस्त आप किसी ऑफिस में काम करते हैं यदि हां और आप समान अधिकार के वेतन की जानकारी को जानना चाहते हैं तो आज आप एकदम सही लेख पर मौजूद है आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ऑफिस में समान वेतन का अधिकार क्या होता है और किन व्यक्तियों को समान अधिकार मिलता है इसके अतिरिक्त भी ऑफिस में समान वेतन के अधिकार की संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से मिलेगी यदि आप ऑफिस में समान वेतन के अधिकार की संपूर्ण जानकारी को जानना चाहते हैं तो इसके लिए आपको केवल और केवल ऑफिस में समान वेतन के अधिकार के इस लेख को अंतिम शब्द तक पढ़ना है जिसके बाद आप ऑफिस में समान वेतन के अधिकार की जानकारी को जान जाएंगे।

किसी भी ऑफिस में अगर आप किसी भी प्रकार का काम कर रहे हैं और आप ही के साथ में कोई अन्य कर्मचारी उसी समय पर और आपके ही जैसा कार्य कर रहे हैं तथा उनकी योग्यता आप ही के बराबर है तो ऐसी स्थिति में आपका यह अधिकार होता है कि आप अन्य कर्मचारियों की तरह समान वेतन प्राप्त कर सकते हैं भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक कर्मचारी को यह अधिकार दिया गया है कि वह ऑफिस में समान वेतन प्राप्त करें लेकिन इसके लिए आपको समान वेतन अधिकार से जुड़ी संपूर्ण जानकारी मालूम रहनी चाहिए। तत्पश्चात ही आप इस अधिकार का सही उपयोग कर पाएंगे।

ऑफिस में समान वेतन का अधिकार प्रत्येक व्यक्ति के लिए लागू होता है कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे लगता है कि उसके जैसा कार्य करने वाले व्यक्ति को तथा उसके बराबर योग्यता होने पर उसे अत्यधिक वेतन दिया जा रहा है तथा आपको कम वेतन दिया जा रहा है ऐसे में आपका यह अधिकार है कि आप वेतन विभाग कार्यालय में इसकी शिकायत कर सकते हैं या वेतन प्रदान करने वाले अधिकारी से इस बारे में बात कर सकते हैं।

ऑफिस में समान वेतन का अधिकार क्या होता है

भारत की अगर बात की जाए तो हमारे देश में मौजूद होने वाले ऑफिसों के अंदर पुरुषों तथा महिलाओं के समान वेतन का अधिकार देखने को मिलता है यदि आप किसी ऑफिस में कार्य करते हैं और आपके जैसा ही कार्य और कोई अन्य महिला आपकी ही योग्यता के बराबर होने पर करती है तो ऐसे में आपका और उस महिला का वेतन समान होना चाहिए क्योंकि यह एक मौलिक अधिकार है कि किसी भी पुरुष या महिला के वेतन में किसी भी प्रकार का फर्क नहीं होना चाहिए अगर महिला और पुरुष दोनों को कार्य एक जैसा ही तथा उनकी योग्यता बराबर है तो उस स्थिति में दोनों का यह अधिकार होता है कि वह बराबर बराबर वेतन प्राप्त करें।

जब हमारे भारत देश में समान वेतन का अधिकार नहीं आया था उस समय हमारे देश के कार्यालयों में महिलाओं को कम वेतन प्रदान किया जाता था तथा पुरुषों को ज्यादा वेतन प्रदान किया जाता था जबकि कार्य दोनों का बराबर था तथा योग्यता भी दोनों की बराबर थी फिर भी इस प्रकार का अंतर किया जाता था पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम वेतन मिलने की वजह से महिलाओं का शोषण होता था यानी कि यह एक प्रकार का शोषण ही है जहां पर बराबर काम करने के बाद भी कम वेतन दिया जाता हो।

समान वेतन के अधिकार का उद्देश्य क्या है

समान वेतन के अधिकार का यही उद्देश्य है कि पुरुषों के बराबर महिलाओं को समान अधिकार मिल सके समान वेतन के अधिकार के द्वारा महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर वेतन मिल सके दोनों को बराबरी का दर्जा प्राप्त हो सके इस नियम के लागू हो जाने के बाद भारत में कई सारे बदलाव देखने को मिले हैं पुरुषों की तरह आज महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के बराबर कार्य कर रही है। ऐसे में उनका यह अधिकार होता है कि वह समान वेतन प्राप्त करें।

ऐसी महिलाएं जो कि आगे बढ़ रही है पुरुषों के जैसे कार्य कर रही है तो उन्हें पुरुषों के जैसे समान अधिकार मिलने चाहिए उन्हें उसी प्रकार की शिक्षा की आवश्यकता है  महिलाओं को लेकर भारत सरकार के द्वारा अनेक प्रकार के संशोधन संविधान में किए जा चुके हैं तथा किए जा रहे हैं जैसे कि महिलाओं को प्राथमिकता मिल सके पूर्व समय की अगर बात की जाए तो ऐसा समय जब समान वेतन का अधिकार नहीं था उस समय पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम वेतन दिया जाता था जिसे किस अधिनियम के तहत खत्म किया जा रहा है। और महिलाओं पुरुषों के भेदभाव को मिटाया जा रहा है।

सामान्य कार्य करने पर समान वेतन कौन से अनुच्छेद में है

अनुच्छेद की अगर बात की जाए कि कौनसे अनुच्छेद में यह बताया गया है कि समान कार्य करने पर समान वेतन मिलेगा तो दोस्तों हमारे भारत देश के संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत यह अधिकार दिया गया है कि किसी भी कार्यालय में समान योग्यता होने पर तथा समान कार्य करने पर पुरुष तथा महिला को दोनों को समान वेतन मिलना चाहिए। इस अधिनियम को 10 अप्रैल 1979 को संशोधित किया गया जिसमें महिलाओं तथा पुरुषों को यह अधिकार दिया गया कि दोनों को समान वेतन मिलना चाहिए आप किसी भी संस्था में कर्मचारी हो आपको समान वेतन मिलना चाहिए।

समान वेतन के अधिकार की रूपरेखा को 8 मार्च 1976 को तैयार कर लिया गया था तथा इसे मान्यता 10 अप्रैल 1979 को प्रदान की गई थी समान वेतन के अधिकार को इसलिए लागू किया गया था ताकि महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर वेतन मिल सके क्योंकि पहले पुरुषों की तुलना में महिलाओं को काफी कम वेतन प्रदान किए जाता था। इस प्रकार के भेदभाव को मिटाने के लिए इस अधिकार को लागू किया गया।

ऑफिस में समान वेतन के अधिकार के नियम

महिलाओं का किसी भी प्रकार से शोषण ना हो इसलिए उन्हें उनके अधिकार मिलने आवश्यक है इसी वजह से महिलाओं को भी उनके संपूर्ण विकास के लिए ऑफिस कॉलेज तथा विभिन्न स्थानों पर समान अधिकार मिलने चाहिए इसी के चलते भारत सरकार के द्वारा संविधान में कई प्रकार के संवैधानिक संशोधन किए गए हैं ताकि महिलाओं को भी पुरुषों के समान अधिकार मिल सके। ऑफिस में समान वेतन के अधिकार के अंतर्गत ही निम्नलिखित नियम है। जिन्हें नीचे बताया गया है:-

पुरुषों के समान कार्य करने वाली कोई भी महिला जिसकी योग्यता पुरुष के समान है उसे पुरुषों के जितना ही वेतन मिलना चाहिए।

कोई भी महिला शाम 7:00 बजे के बाद किसी भी कंपनी या ऑफिस में काम नहीं करेगी।

महिलाओं के लिए कार्य करने की अनुमति सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे तक की है।

यदि कोई ऐसी स्थिति होती है जहां पर महिला बहुत ही आवश्यक कारण होने पर कार्य करती है तो ऐसी स्थिति में इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कंपनी की है।

महिला को किसी भी कार्य को करने के लिए छुट्टी के दिन नहीं बुलाया जा सकता है लेकिन अगर उन्हें छुट्टी के दिन बुलाया जा रहा है कुछ अति आवश्यक कार्य है तो ऐसे में उनकी पूरी सुरक्षा होनी चाहिए।

कोई भी अकेली महिला ऑफिस में कार्य नहीं करेगी उस महिला के साथ कोई अन्य कर्मचारी भी मौजूद होने चाहिए।

यदि कोई कंपनी अनुच्छेद 141 के नियमों की पालना नहीं करती है ऐसी स्थिति में कंपनी के मालिक को दंडित भी किया जा सकता है तथा महिला को मुआवजा भी दिया जा सकता है।

पुरुषों के बराबर ही उन्हें बोनस भत्ता आय आदि मिलने चाहिए।

 

FAQ

1. ऑफिस में समान वेतन के अधिकार की जानकारी

हमारे भारत देश में समान कार्य करने पर महिलाओं को यह अधिकार दिया गया है कि वह भी पुरुषों के समान वेतन प्राप्त करें। 8 मार्च 1976 को अनुच्छेद 141 में संशोधन करने के पश्चात महिला तथा पुरुष दोनों को समान वेतन प्रदान करने के अधिकार को जारी किया है। यदि महिला को समान कार्य करने पर तथा समान योग्यता होने पर भी ऑफिस के द्वारा समान वेतन प्रदान नहीं किया जा रहा है तो ऐसे में महिला का यह अधिकार है कि वह समान वेतन को प्राप्त करें।

2. समान वेतन का अधिकार क्यों लागू किया गया?

पुरुषों के समान ही महिलाओं को वेतन प्रदान करवाने के लिए समान वेतन का अधिकार लागू किया गया पहले पुरुषों को अधिक वेतन दिया जाता था लेकिन महिलाओं को कम वेतन दिया जाता था इस वजह से महिलाओं का शोषण हो रहा था इसीलिए समान वेतन का अधिकार लागू किया गया ताकि महिलाओं को भी पुरुषों के समान वेतन मिल सके।

निष्कर्ष

ऑफिस में समान वेतन के अधिकार की संपूर्ण जानकारी को अब आप जान चुके हैं क्योंकि आज की इस लेख में आपको ऑफिस में समान वेतन अधिकार की संपूर्ण जानकारी प्रदान कर दी गई है यदि ऑफिस में समान वेतन के अधिकार को लेकर अब भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। और दोस्तों ऑफिस में समान वेतन के अधिकार के इस लेख को आपको अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करना है।

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